आदित्यनाथ ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”सहस्राब्दियों से मानव सभ्यता और चेतना को पोषित कर रही श्रीमद्भगवद्गीता और भरत मुनि के नाट्यशास्त्र का यूनेस्को के ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ में अंकित होना हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण है।” उन्होंने कहा, ”यह अभूतपूर्व सम्मान भारत की अनुपम आध्यात्मिक चेतना, अद्वितीय मेधा, शाश्वत ज्ञान-परम्परा, कालजयी कलात्मक प्रतिभा तथा समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को वैश्विक मान्यता है।आदित्यनाथ ने कहा, ”प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सांस्कृतिक पुनर्स्थापना के प्रति किए गए युगांतरकारी प्रयासों का ही सुफल है कि आज भारत की गौरवशाली विरासत को वैश्विक विरासत के रूप में स्वीकार किया जा रहा है।” उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए वह सम्पूर्ण देश वासियों को हृदय से बधाई हैं।